
पटना। बिहार पुलिस की विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि टीम ने भ्रष्टचार के आरोप जिस अंचलाधिकारी प्रिंस के खिलाफ कार्रवाई की है, उसने नौकरी में आने से पहले बड़ा खेला किया था। आरोप हैं कि अंचलाधिकारी प्रिंस राज ने प्रिंस राज ने दो बार मैट्रिक की परीक्षा दी है। 2004 में धर्मेंद्र कुमार के नाम से और 2006 में प्रिंस राज के नाम से परीक्षा पास की है। दोनों सर्टिफिकेट एसवीयू ने जब्त कर लिए हैं। अब एसवीयू की टीम प्रिंस राज की सभी कुंडलियों को खंगालने में जुट गई है।
प्रिंस राज के ठिकानों पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट की टीम ने छापेमारी की। टीम को अब तक उनकी आय से 28 लाख रुपए अधिक की संपत्ति मिली है। मामला आय से अधिक संपत्ति का है। इसी आधार पर एसवीयू ने केस दर्ज किया है। यह मामला मधुबनी थाने में दर्ज हुआ है। शेखपुरा और मधुबनी जिलों में एक साथ छापेमारी चल रही है। अब तक की जांच में 90 प्रतिशत संपत्ति आय से अधिक पाई गई है। छापेमारी का नेतृत्व डीएसपी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। हाल ही में सरकार ने प्रिंस राज को निलंबित किया था।
एसवीयू के अनुसार, जांच में चला कि प्रिंस राज के पास उनकी आय से 90 प्रतिशत अधिक संपत्ति है। 2019 में प्रिंस राज अंचलाधिकारी बने थे। योगदान के दौरान करीब 28 लाख दो हजार रुपये की संपत्ति नाजायज ढंग से अर्जित की। इसका कोई स्पष्टीकरण उनके पास नहीं है। इसके अलावा प्रिंस राज ने जमीन, मकान में जो निवेश किया है, उन स्थानों का स्पष्ट उल्लेख उनके द्वारा बताई गई संपत्ति में नहीं है।
प्रिंस राज को 2019 में राजस्व सेवा में सीओ के पद पर बहाल किया गया था। उनकी पत्नी अंकु गुप्ता भी अंचलाधिकारी हैं। वह शेखपुरा जिले के अरियरी प्रखंड में कार्यरत हैं। शेखपुरा शहर के राजोपुरम कॉलोनी स्थित किराए के मकान में भी छापेमारी चल रही है।