हरिद्वार। करीब 30 साल पहले सुनीता से राजीव अरोड़ा ने लव मैरिज कर परिवार बसाया था, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि पलभर के गुस्से में ही उसने सुनीता और उसकी मां की जान ले ली और फिर खुद भी अपनी जान दे दी। जवानी में लव मैरिज की और अधेड़ में अवस्था में आने पर कत्ल और खुदखुशी की नौबत क्यों आई।
इन तमाम सवालों का जवाब अभी पुलिस भी तलाश रही है। वहीं प्रथम दृष्टयता मौके से बरामद पिस्तौल लाइसेंसी है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मूल रूप से आर्यनगर ज्वालापुर के रहने वाले राजीव अरोड़ा ने करीब 30 साल पहले सुनीता से लव मैरिज की थी।
इसके बाद दिल्ली में एक हल्दीराम कंपनी में नौकरी करने लगा। दिल्ली के सिद्धार्थ एन्क्लेव महारानी बाग आश्रम में ही परिवार के साथ रहने लगे। राजीव और सुनीता की एक बेटी है। बेटी स्कॉटलैंड में रहती है। दिल्ली में दामाद-बेटी के साथ ही शकुंतला रहने लगी थीं।
रविवार को ही दिन में तीनों टिहरी विस्थापित में बने घर पर पहुंचे। यहां नीचे आवास में तीनों ठहरे थे। सोमवार की शाम अचानक ऐसा क्या हुआ कि राजीव ने ऐसा घातक कदम उठा लिया। हर कोई आश्चर्य में है कि इस उम्र में आकर आखिर ऐसा घातक कदम उठाने के पीछे क्या वजहा रही होगी।
घटना के वक्त मौके से मिली लाइसेंसी पिस्तौल के साथ ही पास में खोखे मिले। राजीव अरोड़ा की जेब से एक गोलियों भरी मैगजीन मिली है। ऐसे में संभावना ये भी है कि कहीं पहले से ही तो ऐसा कुछ करने की प्लानिंग राजीव के मन में तो नहीं चल रही थी। ऐसे तमाम सवाल हैं जिनके जवाब ढूंढना पुलिस को बाकी है।
हत्याकांड व आत्महत्या की सूचना मिलते ही आसपास के इलाकों के लोग मौके पर दौड़ पड़े। घर के मेन गेट से भी काफी संख्या में लोग अंदर दाखिल हो गए। ऐसे में पुलिस को भीड़ को बाहर करने के बाद मेन गेट को बंद करना पड़ा। घंटों तक लोग आसपास ही जमे रहे।
पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि दिन में भी पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ था। दोनों के बीच बात-बात पर विवाद होने लगा। सोमवार की शाम अचानक फिर विवाद हुआ और कुछ मिनट तक कहासुनी हुई। इसके बाद चिल्लाने की आवाजें आई और फिर अचानक सबकुछ शांत हो गया।
किरायेदारों ने पुलिस को बताया कि उन्हें लगा कि झगड़ा हो रहा है और मामला शांत हो जाएगा, लेकिन झगड़े के बीच अचानक तीन गोलियां चलने की आवाज आई। तब समझने में देर नहीं लगी कि बंद घर के अंदर क्या हुआ है।