आगरा। आगरा के सिकंदरा क्षेत्र में चलती कार में इंजीनियरिंग की छात्रा से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने आरोपी आईआईटी जम्मू से एमटेक कर रहे छात्र शिवांश को मंगलवार देर रात को गिरफ्तार कर लिया। मामले में 16 दिन से पुलिस आरोपी को निर्दोष बता रही थी। घटना के दिन उसकी लोकेशन जम्मू होने का दावा कर रही थी। अब पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।
आरोपी छात्रा का काफी समय से शारीरिक और मानसिक शोषण कर रहा था। इससे वह अवसाद में आ गई। पुलिस ने पहले कोई कार्रवाई नहीं की। वह चौकी और थाने के चक्कर काटती रही। पुलिस की लापरवाही से तनाव में आई छात्रा रविवार को मऊ रोड पर बदहवास हालत में मिली थी। उसकी दशा देखकर लोग सन्न रह गए थे।लखनऊ की रहने वाली छात्रा न्यू आगरा क्षेत्र स्थित विश्वविद्यालय के कैंपस से इंजीनियरिंग कर रही थी।
11 अगस्त को उसने थाना सिकंदरा में अपने सीनियर छात्र शिवांश सिंह पर कार में बैठाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। शिवांश गाजीपुर के चौजाखास, तहसील जखनिया का रहने वाला है। घटना के समय वह जम्मू में आईआईटी कैंपस में मौजूद था। इस संबंध में संस्थान से जानकारी मांगी गई थी। इस पर पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भेजे गए हैं। इसके साथ ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने का रिकॉर्ड भी भेजा गया।
उधर, पीड़ित छात्रा की मां मंगलवार को अस्पताल पहुंच गईं। उन्होंने पुलिस से भी बेटी के मामले में कार्रवाई की जानकारी ली। थाना सिकंदरा के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आरोपी छात्र के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। वह काफी समय से छात्रा का शारीरिक और मानसिक शोषण कर रहा था। उसकी वजह से ही छात्रा इस हालत में पहुंची है। प्रारंभिक जांच में साक्ष्य मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। उसे गिरफ्तार किया गया है। बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
पुलिस ने बताया कि छात्रा की मां आई हुई हैं। वहीं आरोपी छात्र शिवांश भी पुलिस के पास पहुंचा था। पुलिस उसे लेकर पीड़िता के सामने पहुंची। उसे देखकर वह बौखला गई। कहने लगी कि उसे छोड़ना नहीं। जेल जाना चाहिए। उस पर कई गंभीर आरोप लगाए। आरोपी छात्र पीड़ित छात्रा की मां से भी फोन पर बातचीत कर चुका था। पुलिस ने उसे इस आधार पर आरोपी माना। उसकी कॉल डिटेल में भी छात्रा से बातचीत निकली है।
छात्रा ने अपने साथ हुई घटना की शिकायत थाना सिकंदरा से पहले न्यू आगरा और हरीपर्वत में की थी। मगर, कोई कार्रवाई नहीं की गई। वह सिकंदरा पहुंची। पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज किया। मगर, कार्रवाई नहीं की। आरोपी छात्र की लोकेशन जम्मू की आने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह माना गया कि छात्रा झूठ बोल रही है। 15 दिन तक वो भटकती रही। चौकी दयालबाग पर जाकर जानकारी लेती थी। पुलिस उसे भगा देती थी। रविवार को अवसाद में आकर वह मऊ रोड पर पहुंची थी। ऐसा कुछ कर दिया, जिससे हर कोई सन्न रह गया।
सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि रविवार को मऊ रोड पर छात्रा ने अपने कपड़े उतारकर फेंक दिए थे। तमाशबीन लोग मोबाइल से वीडियो बना रहे थे। छात्रा की मदद के लिए दो युवतियां आगे आई थीं। उन्होंने उसे कपड़े पहनाए थे। उन्हें सूचना मिली थी। इस पर वो पहुंच गए। छात्रा के बैग में एफआईआर कॉपी के साथ नोटबुक भी थीं। एक कॉपी के कुछ पन्ने फटे हुए थे। इनमें कुछ पन्नों पर शिवांश का नाम लिखा हुआ था। छात्रा शोषण की शिकार हुई है। मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
उठ रहे सवाल
- छात्रा ने पहली बार थाना हरीपर्वत में शिकायत दी। इस पर खंदारी चौकी प्रभारी ने आरोपी को बुलाया। वह जयपुर में था। जांच में छात्रा की शिकायत की पुष्टि नहीं होने की बात कही गई। आरोपी को क्लीन चिट दे दी गई।
- छात्रा थाना न्यू आगरा भी गई थी, लेकिन उसकी बात पर सुनवाई नहीं हुई।
- थाना सिकंदरा में तत्काल मुकदमा तो लिखा गया। मगर, आरोपी की लोकेशन जम्मू में आने पर कोई कार्रवाई नहीं की।
- मऊ रोड पर छात्रा के बदहवास मिलने पर पुलिस ने कार्रवाई की। छात्र को बुला लिया गया।
मां की सुपुर्दगी में दी गई
मानसिक स्वास्थ्य संस्थान से छात्रा को छुट्टी मिल गई। उसे पुलिस के साथ भेजा गया। उसकी देखभाल के लिए एसआई शिवानी को लगाया गया था। बाद में छात्रा की मां भी पहुंच गईं। इस पर उसे उनके सुपुर्द कर दिया गया।