शाहजहांपुर। शाहजहांपुर में थाना सदर बाजार के नजदीक 21 लाख रुपये की लूट की साजिश का पुलिस ने राजफाश कर दिया। पूरे रुपये हजम करने के लिए युवती ने अपने दो साथियों के साथ लूट की सूचना देकर अपने दोस्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, महंगे शौक पूरा करने के लिए युवती ने साजिश रची थी।
22 जुलाई को रात करीब नौ बजे ओसीएफ फैक्टरी स्टेट 51/4 आर टाईप कैंट निवासी सुमन लता उर्फ सोनम सक्सेना ने सदर से टाउनहाल जाने वाली रोड पर स्थित जिम के पास 21 लाख लूट की सूचना दी थी। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरे चेक किए। एसपी सिटी संजय कुमार ने पूछताछ की।
पुलिस ने सोनम की तहरीर पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया था। तहरीर में उसने अपनी जान-पहचान के चौक कोतवाली की फ्रेंडस कॉलोनी निवासी रजनीश मिश्रा के कहने पर दो लोगों को 21 लाख रुपये से भरा बैग देने की बात कही। आरोप लगाया कि रजनीश रुपये देने से मुकर गए। पुलिस ने रजनीश व दो अन्य लोगों के खिलाफ मामले की विवेचना को शुरू किया।
सुमनलता की कॉल डिटेल, चैटिंग के आधार पर पुलिस ने कड़ी जोड़नी शुरू की। इंस्पेक्टर सदर रवींद्र सिंह ने बताया कि मुकदमे में नामजद रजनीश मिश्रा और सुमन लता ने मिलकर मकान खरीदा था। मकान को सुमन ने बेच दिया और 21 लाख रुपये अपने पास रख लिए। वह रजनीश को आधा हिस्सा नहीं देना चाहती थी। उसे फंसाने के लिए उसने लूट की साजिश रची थी।
पुलिस ने बताया कि सुमनलता को रजनीश रुपये देने के लिए धमका रहा था। उससे पीछा छुड़ाने व रुपयों को हजम करने के लिए पुराने जान-पहचान वाले मोहल्ला हाथीथान के शकीब अहमद उर्फ रफी से संपर्क साधा था। शकीब ने कामरान के साथ लूट की फर्जी घटना के लिए सहमति दे दी थी। सुमन ने दोनों को 40 हजार रुपये देने का वादा किया था। आठ हजार रुपये पेशगी के तौर पर दिए थे।
योजना के तहत पिट्ठू बैग में पुरानी किताबें व कपड़े रखकर सुमन आई थी। उसने अपने दोनों साथियों को बैग छिनवाकर लूट का शोर मचा दिया। पुलिस ने जांच शुरू करने के उपरांत सुमनलता के मोबाइल की कॉल रिकार्डिंग सुनीं। मोबाइल चैटिंग के जरिये घटना का खुलासा करते हुए युवती व उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया। मामले में रजनीश मिश्रा पर दर्ज मुकदमे में पुलिस विवेचना कर रही है।
पुलिस ने बताया कि दिल्ली में रहने वाली सुमनलता उर्फ सोनम पांच साल पहले रजनीश मिश्रा के संपर्क में आई थी। मकान बेचने के बाद सारे रुपये उसने दिल्ली में छिपा दिया। अभी जल्द ही महंगी कार खरीदने के लिए उसने छह लाख रुपये एजेंसी पर एडवांस जमा किए थे।