
लखनऊ। दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम करने पर युवती को उसके दो सगे भाइयों ने ही मार डाला। पहले उसका गला दबाया। जब वह बेहोश हो गई तो खर-पतवार डालकर उसे जिंदा जला दिया। युवती का अधजला शव बरामद होने पर हरदोई पुलिस ने दो सप्ताह तक तफ्तीश करने के बाद रविवार को वारदात का खुलासा किया। दोनों हत्यारोपी भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई ओमनी कार भी बरामद कर ली है।
हरदोई के अतरौली थाना क्षेत्र में पंवाया गहदो मार्ग पर 30 मई को सड़क किनारे एक युवती का अधजला शव मिला था। पुलिस ने हत्या की एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश शुरू की थी। शव की पहचान काकोरी के कायस्थाना मोहल्ला निवासी संगीता सैनी उर्फ बिट्टी (18) के रूप में हुई थी। हरदोई पुलिस ने रविवार को वारदात का खुलासा किया। एसपी पूर्वी नृपेंद्र के मुताबिक संगीता का प्रेम प्रसंग स्थानीय इलाके के निवासी रहीम से था। परिजनों को इसकी जानकारी थी। काफी मना करने पर भी जब संगीता ने उससे संपर्क नहीं तोड़ा तो दोनों भाई दुर्गेश सैनी और शंकर उर्फ रवि 30 मई को ओमनी कार से उसे लेकर अतरौली पहुंचे। गहदो मार्ग पर कार खड़ी कर उसका गला दबाया। जब वह बेसुध हो गई तो उसे एक बड़ी पन्नी में लपेटा और सड़क किनारे उसके ऊपर पतवार रखकर पेट्रोल डाल आग लगा दी थी।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि करीब एक महीने से वह वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। घटना से एक दिन पहले ही एक बोतल पेट्रोल खरीदकर लाए थे। उनका कहना था कि शव की पहचान न हो सके इसलिए उसे जलाने की साजिश रची थी। किया भी वही, लेकिन पुलिस के जाल में फंस गए। आरोपी बोले कि जब गला दबाया था तब संगीता बेहोश सी हो गई थी। थोड़ा घबरा गए थे, इसलिए सोचा कि जब आग लगाएंगे तो सांसें बंद ही हो जाएंगी। इसलिए तुरंत उसे फूंक दिया था।
पुलिस के मुताबिक बाकायदा साजिश रचकर वारदात को अंजाम दिया गया। दोनों भाइयों ने संगीता से 30 मई को कहा कि अतरौली निवासी मौसी की तबीयत खराब है। उनको देखने के लिए चलना है। इसलिए वह राजी हो गई। ओमनी कार से तीनों घर से निकले। अतरौली इलाके में पहुंचने के बाद कार रोकी। फिर अचानक से दोनों कार की पिछली सीट पर गए। शकर ने संगीता को पकड़ा और दुर्गेश ने उसका गला दबा दिया।
अतरौली इंस्पेक्टर दिलेश कुमार सिंह ने बताया कि जब सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई तो उसमें ओमनी कार दिखी। उसका नंबर ट्रेस किया गया। इसके जरिये काकोरी के कायस्थाना मोहल्ले में स्थित संगीता के घर तक पहुंचे। इससे शक की सुई परिजनों की तरफ घूमी। जब पुलिस ने दुर्गेश और शंकर के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल आदि निकाली तो पता चला कि घटना वाले दिन से लगातार तीन दिनों तक इन दोनों के मोबाइल बंद रहे। इससे सीधा शक उन पर ही गया। सख्ती से पूछताछ की गई तो दोनों वारदात कुबूल कर ली।
संगीता करीब दो महीने पहले प्रेमी रहीम के साथ चली गई थी। पुलिस ने उसे चार दिन में खोज निकाला था और चौकी में दोनों पक्षों में समझौता करा दिया था। परिजन संगीता को लगातार रहीम से बात करने से मना कर रहे थे और उससे ताल्लुक खत्म करने के लिए धमका रहे थे, लेकिन वह रहीम से शादी करने की बात पर अड़ी थी। इस पर भाइयों ने तय किया कि उसे मार देंगे। ये बात खुद आरोपियों ने पूछताछ में कुबूल की है।
संगीता 10वीं की छात्रा थी। रहीम ने बात करने के लिए उसे एक के बाद एक तीन मोबाइल दिए थे। जैसे ही परिजनों को मोबाइल की जानकारी होती उसे छीनकर तोड़ देते थे। पुलिस जब संगीता को खोजकर लाई थी तो उसके कुछ दिन बाद ही उसके पास फिर एक मोबाइल मिला था। तब दुर्गेश और शंकर ने उसे जमकर पीटा था। दोनों ने पूछताछ में बताया कि बहन को बहुत समझाया, लेकिन वह कुछ भी मानने को तैयार नहीं थी। इससे बदनामी हो रही थी। इसलिए उसे मौत के घाट उतार दिया।
संगीता मां मिथिलेश और दोनों भाइयों दुर्गेश व शंकर के साथ रहती थी। अन्य चार भाई रोहन, गोविंद, सूरज व अतुल परिवार समेत पुराने मकान में रहते थे। संगीता के घर पर न पहुंचने पर सभी को ये पता तो चल ही गया था कि उसकी हत्या कर दी गई है, लेकिन पूरा परिवार खामोश रहा। अतरौली इंस्पेक्टर दिलेश कुमार सिंह का कहना है कि परिजनों की भूमिका की जांच की जा रही है। यदि किसी अन्य की संलिप्तता मिली तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।
हरदोई पुलिस की छह टीमों ने खुलासे के लिए काम किया। करीब 500 कैमरों की फुटेज खंगाली गई और 15 दिन की गहन तफ्तीश के बाद वारदात का खुलासा हुआ। ओमनी कार का नंबर मिल जाना पुलिस के लिए सबसे अहम व पुख्ता सुराग साबित हुआ। उसी आधार पर घटना का खुलासा हुआ। क्योंकि आरोपियों ने मोबाइल किए थे, लिहाजा उससे कोई सुराग नहीं मिल सका था।