देहरादून। नौ दिनों तक महिषासुर से चले युद्ध में मां दुर्गा ने नौ रूप धारण किए। उनकी विजय का सबने उत्सव मनाया। अब उसी नौ दिन की अवधि को नवरात्र के पर्व के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान में लोकतंत्र का पर्व चल रहा है। संयोग है कि इस पर्व के लिए दून जिले में प्रमुख जिम्मेदारियां नौ महिलाओं को दी गई हैं। इस तरह से कहा जा सकता है कि नौ देवियों के हाथों में दून के चुनावी महायज्ञ की कमान है। आइए जानते हैं निर्वाचन आयोग की ओर से बनाई गई निवार्चन टीम में शामिल प्रमुख नौ अधिकारियों के बारे में…
बूथों के निर्धारण से लेकर पूरी चुनाव प्रक्रिया को सकुशल संपन्न कराने का जिम्मा जिलाधिकारी सोनिका पर है। जिले में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति से लेकर ईवीएम-वीवी पैट, स्ट्रांग रूम से लेकर मतदान, संवेदनशील बूथ, सुरक्षा से संबंधित हर प्रक्रिया के लिए डीएम सोनिका उत्तरदायी हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी के बाद सबसे अहम जिम्मेदारी सीडीओ झरना कमठान के पास है। पूरे लोस चुनाव के प्रबंधन का जिम्मा इन पर है। वह पूरी वोटिंग प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए मतदानकर्मियों को प्रशिक्षित करने से लेकर मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए स्वीप की गतिविधियों काे बराबर अंजाम दे रही हैं।
प्रत्याशियों के चुनाव खर्च का ब्योरा व निगरानी करने वाली टीम मुख्य कोषाधिकारी नीतू भंडारी के निर्देशन में काम कर रही है। यह टीम प्रत्येक प्रत्याशी के ऊपर हर पल नजर रखती है। नीतू भंडारी ने बताया कि प्रत्येक प्रत्याशी के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नजर है। स्टेटिक टीम व सचल दल सक्रिय है। मुख्य कृषि अधिकारी लतिका सिंह को नोडल ऑफिसर फॉर मैटेरियल मैनेजमेंट बनाया गया है। वह चुनाव में सभी प्रकार के सामग्री प्रबंधन का कार्य देख रही हैं। इस कार्य में लगी टीम को वही लीड कर रही हैं। मतदानकर्मियों का बैग तैयार करना एक बड़ा जिम्मा होता है जो इस समय किया जा रहा है।
जिला क्रीड़ा अधिकारी निधि बैंजोला को असिस्टेंट नोडल ऑफिसर फॉर ऑब्जर्वर्स बनाया गया है। निर्वाचन आयोग से भेजे जाने वाले ऑब्जर्वर्स के देहरादून में आने पर उनके रुकने, भोजन से लेकर परिवहन तक व्यवस्था की जिम्मेदारी इन पर है। ऑब्जर्वर के जाने के बाद व्यय की रिपोर्ट बनाकर निर्वाचन अधिकारी को दी जाती है।शालिनी नेगी बतौर डिप्टी कलेक्टर देहरादून कलेक्ट्रेट में तैनात हैं। इन्हें निर्वाचन प्रक्रिया में सहायक रिटर्निंग ऑफिसर देहरादून कैंटोनमेंट बनाया गया है। इस क्षेत्र में निर्वाचन से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को धरातल पर उतारना इनकी जिम्मेदारी है।
विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी स्मृता परमार को निर्वाचन आयोग ने एआरओ सहसपुर की जिम्मेदारी दी है। इस क्षेत्र में सभी चुनाव प्रक्रियाओं को संपन्न कराना इनकी जिम्मेदारी है। इस क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ाने से लेकर बूथों की सुरक्षा, ईवीएम को बूथों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी इनके ऊपर है। एसडीएम डोईवाला के पद पर तैनात अपर्णा ढौंडियाल डोईवाला क्षेत्र में सभी भी प्रकार के चुनावी आयोजन, प्रचार आदि की निगरानी के लिए जवाबदेह हैं। क्षेत्र में कोई भी आयोजन इनकी अनुमति के बगैर नहीं हो सकता। बताया कि डोईवाला क्षेत्र में चुनावी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
एसडीएम ऋषिकेश के पद पर तैनात कुमकुम जोशी का कार्य ऋषिकेश क्षेत्र में चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्वक संपन्न कराना है। इस क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया से जुड़े फैसलों के लिए प्रारंभिक तौर पर वही जवाबदेह हैं। ईवीएम को बूथ तक पहुंचाने से लेकर मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्वक मतदान संपन्न कराना इनकी जिम्मेदारी है।