ऊखीमठ (रुद्रप्रयाग)। केदारघाटी के आसमान में तेज गर्जना से उड़ान भरते हेलिकॉप्टर को जब क्षेत्र के लोगों ने पहली बार देखा तो वह सहम गए थे। धूल के गुबार के साथ हेलिकॉप्टर को जमीन पर उतरता देख लोग भागने लगे थे और उसे दूर से निहारते रहे। वहीं क्षेत्र के बच्चे तो डर के कारण घरों में ही छिप गए थे।
दरअसल, अविभाजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हेमवती नंदन बहुगुणा वर्ष 1975 में एक कार्यक्रम में ऊखीमठ पहुंचे थे। तब, मिडिल स्कूल (वर्तमान अटल आदर्श जीआईसी) के मैदान में बहुगुणा का हेलिकॉप्टर उतरा था। हेलिकॉप्टर की सकुशल लैंडिग के लिए प्रशासन ने शिक्षा विभाग के सहयोग से स्कूल मैदान के किनारे खड़ीक और तुन के पेड़ों की लॉपिंग की थी।
यह पहला मौका था, केदारघाटी में हेलिकॉप्टर उतरा था। पूर्व ब्लॉक प्रमुख व राज्य आंदोलनकारी लक्ष्मी प्रसाद भट्ट बताते हैं कि बहुगुणा को देखने और मिलने के लिए ऊखीमठ, मनसूना, राऊंलेंक, दैड़ा, पककंडी, मक्कू, रांसी, गुप्तकाशी से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे। इसमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी थे, लेकिन जैसे ही हेलीकॉप्टर ने स्कूल मैदान में लैंड किया तो चारों तरफ खड़े लोगों में अफरा-तफरी मच गई और लोग वहां से भागने लगे।
मैदान से लगभग 100 मीटर दूर से लोग काफी देर तक हेलिकॉप्टर को निहारते रहे। बाद में बहुगुणा ने लोगों को हेलिकॉप्टर के बारे में बताया और कहा कि इससे डरे नहीं। यह हेलिकॉप्टर है और इससे एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में कम समय लगता है।
वरिष्ठ कांग्रेसी व पूर्व जिलाध्यक्ष व पीसीसी सदस्य प्रदीप बगवाड़ी ने बताया कि स्कूल मैदान में बहुगुणा के स्कूली जीवन के साथ रहे गौरी शंकर सैन सिंह राणा, नैनसिंह राणा बच्ची राम त्रिपाठी समेत कई लोगों ने उनका स्वागत किया था।
यहां से बहुगुणा, सीधे ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचे थे और वहां पर पूजा-अर्चना की। उन्होंने प्रधान चौक पर सभा को संबोधित करते हुए क्षेत्र में स्कूल, सड़क, स्वास्थ्य को लेकर जनता से कई वायदे किए थे। साथ ही केदारघाटी में बिताए अपने बचपन और स्कूली जीवन में बिताए दिनों के बारे में भी लोगों को बताया था।