इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति ये नहीं जानता कि उसकी मौत कब होगी? लेकिन अगर हम आपसे कहे कि इस सवाल का जवाब एआई के पास है तो यकीनन आपको इस पर विश्वास नहीं होगा। दरअसल, टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई पर आधारित डेथ प्रीडिक्टर तैयार किया है। इस डेथ प्रीडिक्टर को लेकर दावा किया जा रहा है है कि किसी भी इंसान के बारे में जानकारी लेकर ये उसकी मौत केबारे में सटीक जानकारी दे सकता है।
न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट में इस एआई टूल के बारे में जानकारी दी गई है। इसे टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क के एक प्रोफेसर सुनी लेहमान ने डेवलप किया किया है। लाईफ टु वेक नाम का ये एआई किसी व्यक्ति के जीवन में उसकी इनकम, प्रोफेशन, रहने की जगह और भी कई चीजों को एनालाइज करता है और उसकी लाइफ एक्सपेक्टेंसी का अनुमान लगाता है। कहा जा रहा है कि, इसके अनुमान लगभग 75 प्रतिशत सही साबित हुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार लेहमान की टीम ने इस एआई टूल के लिए साल दो हजार आठ से दो हजार बीस के बीच डेनमार्क के साठ लाख लोगों पर रिसर्च की थी। इस रिसर्च में लाईफ टु वेक के जरिए ये अनुमान लगाने की कोशिश की गई थी कि एक जनवरी दो हजार सोलह के बीच किन लोगों के कम से कम चार साल और जीने की उम्मीद है।
इसमें लोगों के जीवन की घटनाओं को सीक्वेंस की तरह बनाया गया था और किसी भाषा में शब्दों से वाक्य बनने की प्रक्रिया से तुलना की गई थी। इस एआई टूल का एक्यूरेसी रेट काफी सही था। इसने लगभग बिना किसी गलती के ये अनुमान लगा लिया था कि किन-किन लोगों की मौत साल दो हजार बीस तक हो जाएगी। इसका एक्यूरेसी रेट 75 प्रतिशत से ज्यादा था।