आयकर विभाग ने आने वाले फाइनेंशियल वर्ष 2024-25 के लिए नए आयकर रिटर्न फॉर्म को अधिसूचित कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि इस बार आयकर विभाग ने साल 2023 में ही आईटीर फाइलिंग को लेकर अधिसूचना जारी दी है जो कि चौंकाने वाली बात है। आईटी विभाग आमतौर पर अगले मूल्यांकन वर्ष की शुरुआत से पहले, यानी फरवरी या मार्च में आईटीआर फॉर्म को अधिसूचित करता है। इस बार कई बदलाव किए गए हैं जो टैक्सपेयर्स को ध्यान में रखना चाहिए।
यह नया इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म वहां तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें बड़े ही संदर्भों को ध्यान में रखा गया है। यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए है जो 50 लाख रुपये से कम आय प्राप्त करते हैं। इसमें सही और संबंधित जानकारी भरना बहुत महत्वपूर्ण है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस बार वित्त वर्ष के समाप्त होने के तीन महीने पहले ही नए आईटीआर फॉर्म को जारी कर दिया है। इस तरह टैक्सपेयर्स को रिटर्न भरने के लिए 7 महीने का समय मिल रहा है।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के नए सीजन की इस बार समय से पहले ही आधिकारिक शुरुआत हो गई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अभी ही नए आईटीआर फॉर्म को जारी कर दिया है, जबकि चालू वित्त वर्ष के समाप्त होने में अभी 3 महीने से ज्यादा का समय बचा हुआ है। इस बार आईटीआर फॉर्म में टैक्सपेयर्स को कैश में लिए गए पेमेंट के अलावा बैंकिंग से जुड़ी कई जानकारियां भी देनी होंगी।
सीबीडीटी यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने वित्त वर्ष 2023-24 (असेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म जारी किया। अमूमन सीबीडीटी इनकम टैक्स रिटर्न के फॉर्म को वित्त वर्ष के आखिरी महीनों फरवरी या मार्च में जारी करता था. इस बार इन्हें समय से 2-3 महीने पहले ही जारी कर दिया गया है। चालू वित्त वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन 31 जुलाई है।
इस तरह इस बार टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए 7 महीने का समय मिल रहा है। आईटीआर-1 फॉर्म को सहज भी कहते हैं। कोई टैक्सपेयर, जिसकी सालाना कमाई 50 लाख रुपये तक है और उसे सैलरी, एक आवासीय संपत्ति, अन्य स्रोतों जैसे ब्याज और 5 हजार रुपये तक की कृषि आय हो रही है, इस फॉर्म को भर सकता है। वहीं आईटीआर-4 यानी सुगम को वैसे इंडिविजुअल टैक्सपेयर, अविभाजित हिन्दू परिवार और एलएलपी को छोड़ अन्य फर्म भर सकते हैं।
जिनकी कुल इनकम 50 लाख रुपये तक है और कमाई का जरिया बिजनेस या प्रोफेशन है। आईटीआर-4 फॉर्म में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। नए अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में टैक्सपेयर्स को ये बताना होगा कि उन्हें वित्त वर्ष के दौरान कैश में कहां-कहां से पैसे मिले। इसके लिए नए आईटीआर-4 फॉर्म में रिसीप्ट्स इन कैश का नया कॉलम जोड़ा गया है। इससे टैक्सपेयर स्पेसिफिक डिस्क्लोजर कर सकेंगे। इससे पहले क्रिप्टोकरेंसी के लिए नया कॉलम जोड़ा गया था।