मथुरा। मथुरा के कोसीकलां के गांव बैठनकला में महिला द्वारा दिव्यांग बेटे की हत्या करने के बाद आत्महत्या करने का मामला पुलिस के लिए पेचीदा हो गया है। घटना का कोई भी चश्मदीद नहीं है। मौका-ए-वारदात पर रात को क्या परिस्थितियां बनी और क्यों ओमवती ने ऐसा कदम उठाया। इस सवाल का जवाब खोजना पुलिस के लिए चुनौती है।
ओमवती के पति ने पूरन ने बताया कि वह एक निजी कंपनी में काम करता है। 35 साल पहले उसकी शादी हुई थी। शादी के बाद दो बेटी संजू और अनीता हुईं। इनकी 2010 में एक ही परिवार में शादी कर दी। ओमवती के मन में बेटे की चाहत थी। इसके लिए काफी पूजा-पाठ करती थी।
साल 2012 में विष्णु का जन्म हुआ था। ओमवती के गर्भ में एक गांठ भी थी, जो कि डिलीवरी के समय में निकली थी। उसकी वजह से विष्णु दिव्यांग पैदा हुआ। ओमवती उसे बहुत प्यार करती थी। पिछले तीन साल से वह मानसिक बीमार रहने लगी। उसने अपनी दवा भी फेंक दी और उसका स्वभाव काफी गुस्सैल हो गया था।
बेटे और पत्नी की मौत की सूचना सुनकर पूरन सोमवार सुबह घर पहुंचा। दोनों के शवों को देख वह फफक पड़ा। उसने कहा, काश वह मेला देखने न जाता तो बेटे और पत्नी की जान बच जाती। शायद पत्नी को दौरा आया होगा और उसने गुस्से में बेटे की लाठी से पीट-पीटकर हत्या की होगी और फिर खुद फंदे पर झूली होगी।
एसपी देहात त्रिगुण बिसेन ने बताया कि लूट, चोरी और रंजिश सहित सभी पहलुओं पर जांच की है। गांव व परिवार के लोगों से भी बातचीत की, लेकिन कोई भी कुछ इस घटना के संबंध में कुछ नहीं बता पाया। पुलिस का मानना है कि इस घटना का कोई चश्मदीद नहीं है। घर में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे। ऐसे में अब यह जानना बड़ा मुश्किल हो गया है कि घटना के समय घर में क्या हुआ था।
घटना की सूचना बैठनकलां और आसपास के गांवों में आग की तरह फैल गई। हर कोई पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए उसके घर पहुंचा। गांव में तो कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले।
आपको बता दें कि मथुरा के कोसीकलां थाना इलाके के गांव बठैनकला में रविवार रात एक महिला ने दस साल के दिव्यांग बेटे की लाठी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को पानी की टंकी में डालकर खुद ने भी फंदा लगाकर जान दे दी।
घटना का खुलासा सोमवार सुबह तब हुआ जब दूध देने वाली महिला घर पहुंची। इसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए और पुलिस को सूचना दी। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि महिला मानसिक रूप से बीमार थी।