आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा के ट्रांस यमुना में विवेचक (दरोगा) ने सामूहिक दुष्कर्म की धारा को ही हटा दिया। युवती को होटल में रखकर दुष्कर्म किया गया था। जांच में पुष्टि भी की गई थी। एसीपी ने विवेचक के खिलाफ रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी है। उधर, विवेचक का कहना है कि उनकी जांच में जो तथ्य सही निकले उसी आधार पर चार्जशीट लगाई है।
ट्रांसयमुना क्षेत्र से 17 जून को एक युवती लापता हुई थी। परिजन ने अपहरण, जान से मारने की धमकी और गालीगलौज का केस दर्ज कराया। मुकदमे में कोचिंग संचालक अविनाश सहित दो युवकों और महिला को नामजद किया गया। मुकदमे के 8 दिन बाद युवती घर लौट आई। इसके बाद मां ने कोर्ट में बेटी के बयान कराए। इसके लिए उन्हें लखनऊ तक शिकायत करनी पड़ी।
बयान के आधार पर विवेचक मंगल सिंह ने केस में सामूहिक दुष्कर्म की धारा बढ़ाई। एक अभियुक्त का नाम भी बढ़ाया गया। इसके बाद नामजद आरोपी पीड़िता को धमकाने लगे। पीड़ित परिवार ने एसीपी छत्ता आरके सिंह से शिकायत की। एसीपी ने केस डायरी देखी तो हैरान रह गए। दरोगा ने गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने की धारा में चार्जशीट लगाई थी। सामूहिक दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं को हटा दिया था।
एसीपी के निर्देश पर एक टीम पीड़िता को लेकर फिरोजाबाद गई। उस होटल में छानबीन की गई जहां उसे तीन दिन रखा गया था। युवती को तीन दिन होटल में रखने की पुष्टि हुई। इस जानकारी के बाद एसीपी ने विवेचक को तलब किया। एसीपी छत्ता आरके सिंह ने बताया कि विवेचक ने विवेचना में घोर लापरवाही बरती है। इसकी रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जा रही है।