रुद्रपुर। रंपुरा में वर्ष 2020 में पेयजल कनेक्शन लगाने के बाद भी आबादी को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोग सबमर्सिबल या हैंडपंप के पानी के भरोसे रह रहे हैं। कहीं-कहीं लोग रिश्तेदारों या दूसरे के घरों से पीने का पानी भरते हैं। अमृत योजना से जिन घरों में पाइपलाइन लगी हैं, वहां नाम मात्र का पानी आता है।
लोगों का कहना है कि यह पानी पीने योग्य नहीं है। अमृत योजना के तहत 37 करोड़ रुपये खर्च कर ट्रांजिट कैंप, रंपुरा, खेड़ा और दूधियानगर में 15000 लोगों को पेयजल कनेक्शन दे दिए गए हैं। रंपुरा और ट्रांजिट कैंप की योजनाओं को अमृत डिविजन ने जलसंस्थान को हैंडओवर कर दिया है। कई घरों के बाहर लगाए नल और पाइपलाइन चोरी होने लगी है।
पेयजल निगम अमृत के ईई शिवम द्विवेदी ने बताया कि लोगों को घर के अंदर या बाहर नल लगाने का विकल्प दिया गया था, लेकिन अधिकतर ने घर के बाहर नल लगवाए हैं। रंपुरा में नशा करने वाले लोगों की संख्या अधिक है। संभवत: वे लोग ही नशे की पूर्ति के लिए चोरी कर रहे हैं।