देश का नाम Republic of India से Republic of Bharat होने वाला है, उम्मीद है की संसद की विशेष सत्र में नाम को बदलने के प्रस्ताव पर मोहर लग जायेगी। इस बात पर कई समय से अटकलों का दौर जारी था मगर राष्ट्रपति द्वारा G 20 देशों के प्रतिनिधियों को भेजे भोज के निमंत्रण पर President of India की जगह President of Bharat लिखने के बाद इस बात को और बल मिल गया है।
इंडिया नाम कैसे पड़ा?
इंडिया नाम सिंधु नदी से लिया गया है, जो देश के उत्तरी भाग से होकर बहती है। प्राचीन यूनानियों ने सिंधु नदी के पार रहने वाले लोगों को संदर्भित करने के लिए इंडोई शब्द का इस्तेमाल किया था। बाद में अंग्रेजों द्वारा इस नाम का अंग्रेजीकरण कर इसे भारत में बदल दिया गया।
भारत नाम कैसे पड़ा?
भारत नाम की उत्पत्ति हिंदू पौराणिक कथाओं में हुई है। पौराणिक कथा के अनुसार भरत राजा दुष्यन्त और रानी शकुन्तला के पुत्र थे। वह भारतीय उपमहाद्वीप का शासक बन गया और कहा जाता है कि उसने भरत राजवंश की स्थापना की। भारत नाम उनके नाम से लिया गया है और प्राचीन काल से इसका उपयोग भारत को संदर्भित करने के लिए किया जाता रहा है।
क्या कहता है अनुच्छेद 1
दोनों नामों का उपयोग देश में इंडिया और भारत दोनों नामों का परस्पर उपयोग किया जाता है। भारत का संविधान दोनों नामों को मान्यता देता है, और संविधान का अनुच्छेद 1 देश को संदर्भित करने के लिए दोनों नामों का उपयोग करता है। इंडिया नाम का उपयोग आधिकारिक दस्तावेजों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में किया जाता है, जबकि भारत नाम का उपयोग पारंपरिक और सांस्कृतिक संदर्भों में किया जाता है।
क्या है शंका?
राष्ट्रपति द्वारा दिया गया न्योता हालाकि पारंपरिक है मगर चुकी यह न्योता अंतराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने के लिए है तो अब यह मुद्दा बना है की क्या ये नियंत्रण सिर्फ एक पारंपरिक और सांस्कृतिक निमंत्रण है या आधिकारिक दस्तावेजों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की तर्ज पर इस दस्तावेज को देखा जायेगा।