अल्मोड़ा। दुग्ध संघ में जीएसटी के नाम पर लाखों के हेराफेरी उजागर हुई है। एक फर्म ने सामान खरीद का भुगतान करने के बाद भी जीएसटी जमा न कर दुग्ध संघ को 99,000 रुपये की चपत लगा दी। यह खामी एक बिल में पकड़ी गई है। दुग्ध संघ के मुताबिक यह खेल दो साल से चल रहा था। इस लापरवाही पर दुग्ध संघ ने सहायक लेखाकार को निलंबित किया है और हेराफेरी में शामिल संबंधित फर्म को नोटिस देकर उसके खिलाफ केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
दुग्ध संघ हर साल कई फर्म से जरूरी सामान खरीदता है। संघ ने अप्रैल 2021 में नगर की एक फर्म से 6,49,000 रुपये में घी के जार खरीदे। इसके लिए संबंधित फर्म को जीएसटी में 99,000 रुपये जमा करने थे जो सरकार के माध्यम से दुग्ध संघ को वापस मिलने थे लेकिन भुगतान पाने के बाद भी फर्म ने जीएसटी जमा नहीं किया। इससे दुग्ध संघ को खासी चपत लगी।
पिछले दिनों जब यहां नए महाप्रबंधक ने कार्यभार संभाला तो उन्होंने सहायक लेखाकार से जीएसटी संबंधी दस्तावेज मांगे लेकिन वह इससे बचने के बहाने खोजता रहा। शक होने पर महाप्रबंधक ने दस्तावेजों की बारीकी से जांच की तो इस घपले का खुलासा हुआ। इसलिए लापरवाही बरतने और फर्म के साथ मिलकर जीएसटी में हेराफेरी के आरोप में उन्होंने सहायक लेखाकार नवीन चंद्र आर्या को निलंबित कर दिया जबकि संबंधित फर्म को नोटिस जारी कर उसके खिलाफ केस करने की तैयारी शुरू कर दी।
जांच में सामने आ सकता है बड़ा हेरफेर
दुग्ध संघ के जीएसटी में दो साल से हेरफेर चल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक इस दौरान 15 से अधिक फर्म से सामान खरीदा गया। नगर की एक फर्म ने ही जीएसटी में हेरफेर कर संघ को खासी चपत लगाई है। गंभीरता से जांच होने पर हेरफेर का आंकड़ा कई गुना तक बढ़ने की आशंका है।
दुग्ध संघ ने बनाई जांच समिति
जीएसटी में बड़े स्तर पर हेरफेर की आशंका जता दुग्ध संघ ने जीएसटी विभाग को पत्र भेजा है। मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की गई है। यह समिति हेरफेर करने वाली फर्म की संख्या और इसमें शामिल दुग्ध संघ के अन्य कर्मियों का भी पता लगाएगी।
एक फर्म ने जीएसटी में हेरफेर कर दुग्ध संघ को नुकसान पहुंचाया है। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कर्मी को निलंबित किया गया है। फर्म को नोटिस जारी कर उसके खिलाफ केस किया जाएगा।
– राजेश मेहता, महाप्रंधक, दुग्ध संघ अल्मोड़ा।