देहरादून। रेकी के डेढ़ साल बाद रेसकोर्स में अधिवक्ता के घर लूट को अंजाम दिया गया था। वारदात का पर्दाफाश कर पुलिस ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से लूटी गई विदेशी घड़ियां और रिवाल्वर बरामद हुआ है। इसके अलावा एक सरकारी पिस्तौल, एक देसी तमंचा और छह कारतूस भी मिले हैं।
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि 28 नवंबर को तड़के रेसकोर्स निवासी अधिवक्ता गुरमिंदर सिंह सरना के घर तीन सशस्त्र बदमाशों ने लूट को अंजाम दिया था। बदमाश तीन लाख रुपये नकद, विदेशी घड़ियां और एक रिवाल्वर ले गए थे। जाते वक्त पोर्च में खड़ी उनकी कार भी ले गए। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों ने करीब 700 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई शहरों में दबिश दी।
मुखबिरों की सूचना पर मंगलवार शाम को सुशील कुमार निवासी दादरी, दौराला, मेरठ, अमृत उर्फ गुड्डू निवासी अलीपुर मोरना, हस्तिनापुर, मेरठ, दीपक कुमार महिपाल निवासी दादारी, दौराला, मेरठ और अतुल राणा निवासी हसनपुर गजापुर, सरूरपुर, मेरठ को गिरफ्तार किया है। जबकि, इनका साथी विशाल निवासी रोहटा, मेरठ पकड़ा नहीं जा सका है। यह गिरोह सुशील कुमार का है। चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
सुशील ने पुलिस को बताया कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वह कई वारदात को अंजाम दे चुका है। वह बीए पास है। डेढ़ साल पहले अपने दोस्त जितेंद्र के पास आया था। जितेंद्र अधिवक्ता के घर के पास ही एक ऑफिस में काम करता है। उसके साथ दीपक भी रहता था। दीपक देहरादून के एक कॉलेज से पढ़ाई कर चुका है। जितेंद्र एक दिन किसी बात को लेकर अधिवक्ता से झगड़ रहा था।
इस पर उसने पूछा तो दीपक ने बताया कि अधिवक्ता अकेले रहते हैं और अपने पैसे पर बहुत घमंड करते हैं। इसके बाद ही सुशील ने लूट की योजना बना ली। इसमें दीपक को भी शामिल कर लिया। इसके बाद कई बार घर की रेकी करने आए। 27 नवंबर को सुशील अन्य चार बदमाशों को लेकर देहरादून आ रहा था कि खतौली में उनकी कार का टायर पंचर हो गया। ऐसे में उसने अमृत और दीपक को भेज दिया। बस से देहरादून आईएसबीटी और रात में ऑटो लेकर अधिवक्ता के घर पहुंचे। यहां 28 नवंबर को तड़के लूट को अंजाम दिया।
बदमाशों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए अधिवक्ता की कार लूटी थी। शहर के कई सीसीटीवी में इसकी फुटेज आई तो पुलिस पीछा करते हुए मेरठ जा पहुंची। यहां पता चला कि कार हरियाणा की तरफ गई। हरियाणा के सोनीपत से पुलिस ने कार को बरामद कर लिया। पूछताछ में बदमाशों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने हरियाणा में कार इसलिए छोड़ी ताकि लगे कि वे हरियाणा से आए थे।
सुशील का गिरोह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता। आपस में बातचीत के लिए कम रेंज वाले वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करते हैं। जरूरत पर इंटरनेट कॉलिंग करते हैं। ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी से बचने का भी प्रयास करते हैं। उन्होंने कार किसी भी टोल प्लाजा से नहीं गुजारी।