देहरादून। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में नर्सिंग पदों की भर्ती के लिए दो साल पहले अभ्यर्थियों से 800 रुपये आवेदन शुल्क लिया गया, लेकिन भर्ती प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ पाई। उस समय उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद के माध्यम से नर्सिंग पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। अब उन्हीं पदों के लिए उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड अपने नियमों के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा।
इसके लिए अभ्यर्थियों को दोबारा से आवेदन करना पड़ेगा, जिससे पूर्व में आवेदन करने वाले अभ्यर्थी आवेदन शुल्क का हिसाब मांग रहे हैं। त्रिवेंद्र सरकार के समय पहली बार नर्सिंग पदों की भर्ती की जिम्मेदारी उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद को सौंपी गई। 12 दिसंबर 2020 को परिषद ने 2621 पदों की विज्ञप्ति जारी कर आवेदन प्रक्रिया शुरू की।
इसमें 1238 पद स्वास्थ्य विभाग और 1383 पद चिकित्सा शिक्षा विभाग के थे। लगभग 10 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन कर 800 रुपये शुल्क भी जमा किया। परिषद ने 15 जून 2021 को लिखित परीक्षा रखी थी। बेरोजगार प्रशिक्षित नर्सेज के विरोध के चलते सरकार ने लिखित परीक्षा को रद्द कर दी थी। साथ ही परीक्षा की जिम्मेदारी प्राविधिक शिक्षा परिषद से वापस लेकर चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को सौंपी।
नर्सिंग सेवा नियमावली में संशोधन के कारण बोर्ड भी भर्ती नहीं कराया। साथ ही 2621 पदों के प्रस्ताव को चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग को भेजे थे। संशोधित नर्सिंग भर्ती सेवा नियमावली का शासनादेश जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से 1564 पदों का प्रस्ताव बोर्ड को भेजा जा रहा है। इसमें बोर्ड अपने नियमों के मुताबिक विज्ञप्ति जारी कर आवेदन की प्रक्रिया शुरू करेगा।
भर्ती कराने के लिए बोर्ड के अपने नियम है। स्वास्थ्य विभाग से नर्सिंग पदों का प्रस्ताव पर नये सिरे से आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बोर्ड की ओर से आवेदन शुल्क 300 रुपये लिया जाता है।
-डॉ. डीएस रावत, अध्यक्ष, चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड
पूर्व में जिन अभ्यर्थियों ने नर्सिंग पदों के लिए आवेदन किया है। उनका दोबारा से आवेदन करने पर शुल्क माफ होना चाहिए। अन्यथा सरकार अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क वापस करे।
-हरि कृष्ण बिजल्वाण, प्रदेश अध्यक्ष, संविदा बेरोजगार नर्सेज महासंघ