रविवार तक तीन दिन की पुलिस रिमांड
वहीं, कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) भावना पांडे की अदालत ने तीनों आरोपितों की शुक्रवार से रविवार तक तीन दिन की पुलिस रिमांड को मंजूरी दी है। एसआइटी टीम शाम को जिला कारगार पौड़ी पहुंची और आरोपितों को रिमांड पर लिया।
देहरादून। अंकिता हत्याकांड केस को गति देने के लिए एसआइटी ने पांच टीमें गठित की हैं। टीमों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। इनमें से तीन टीमें आरोपितों से अलग-अलग जगहों पर बयान दर्ज करेगी, वहीं दो टीमें गवाहों के बयान दर्ज करेगी। इलेक्ट्रानिक साक्ष्य व वाट्सएप चैट की जांच के लिए एसटीएफ की मदद ली जा रही है।
अंकिता की हत्या के 13 दिन बाद भी पुलिस उस वीआइपी का पता नहीं लगा पाई है, जिसका जिक्र अंकिता ने वाट्सएप चैट में किया था। ऐसे में पूछताछ में उस वीआइपी का पता चलने की संभावना है। हालांकि, सूत्रों की माने तो इसमें एक बड़े नेता के बेटे का हाथ सामने आ रहा है, जो कि घटना वाले दिन रिसार्ट में मौजूद था।
दूसरी ओर पुलिस को ऋषिकेश की चीला नहर से एक मोबाइल भी बरामद हुआ है। अभी यह पता नहीं लग पाया है कि मोबाइल किसका है। मोबाइल फारेंसिक टीम को दिया गया है, जांच के बाद पता चल सकेगा कि मोबाइल पुलकित, अंकिता या किसी और का है। अंकिता के दोस्त पुष्प के बयान दूसरे दिन भी एसआइटी ने दर्ज किए। जम्मू से ऋषिकेश पहुंचे पुष्प को आरोपितों के सामने बैठाकर भी पुलिस पूछताछ कर सकती है।
अंकिता की हत्या के आरोपित रिसार्ट स्वामी पुलकित आर्या, प्रबंधक सौरभ भाष्कर व सहायक प्रबंधक अंकित (पुलकित) गुप्ता का रिमांड शुक्रवार सुबह से शुरू हो गया था, लेकिन एसआइटी को अंदेशा था कि आरोपितों को दिन में जेल से बाहर लाने में खतरा हो सकता है। ऐसे में टीम शाम करीब छह बजे जेल के अंदर पहुंची और आरोपितों को बाहर लेकर आई। एसआइटी ने आरोपितों से पूछताछ के लिए सवालों की सूची तैयार की है।